Friday, June 19, 2009

खबर तो आप बनाइए जनाबे आली

चैनल पर अमेरिकी राष्‍ट्रपति बराक ओबामा को मख्खी मारते हुए देखा जिसे देखने के बाद जाने क्‍यों लावारिश फिल्‍म का गाना अपना तो खून पानी जीना मरना बेमानी याद आने लगा। गाने की गुनगुनाहट अभी होंठो पर ही थी कि जाने क्‍यों बुश महोदय का शरापा आंखों में घूम गया। एक बार उन जूता चला था। हर फैशन की तरह ही भारतीयों ने यह फैशन भी खूब चलाया और अपने नेताओं को जूता मार-मार कर रिकॉर्ड बना दिया और इसी के साथ अचानक ही जूते की वल्‍यू भी बढ़ गई थी। अब आप सोचिए कि अगर पूर्व अमेरिकी राष्‍ट्रपति के साथ घटी घटना को भारतीयों ने इतनी अहमियत दी उस हिसाब से ओबामा तो अभी नए ताजे हैं। उन्‍होंने जिस घटना को अंजाम दिया उसे इस मंदी के दौर में ज्‍यादातर भारतीय रोज ही देते हैं लेकिन कहते हैं न कि घर की मुर्गी दाल बराबर। अब सोचिए इस खबर को चैनल्‍स कितनी देर दिखा पाए होंगे। बहुत कोशिश के बाद कुछ सेकेंड ही न। वहीं अगर मंदी के मारे भारतीयों द्वारा मख्‍खी मारने पर खबर बनाते तो पूरा एक पैकेज ही दिया जा सकता है। जैसे कि ये है फला कम्‍पनी के पूर्व एमडी आजकल ये दिन भर मख्खियां मारते रहते है बल्कि ये तो रिकॉर्ड बनाने की सोच रहे है। भारत में मख्‍खी मारने वाले विभिन्‍न क्षेत्रों में मिल जाएंगे। मंदी के बाद यही एक कारोबार है जिसमें बढोतरी हुई है।
आज हर क्षेत्र में हमारा मुल्‍क प्रगति कर रहा है खासकर फैशन के मामले में तो जल्‍द ही हमारे नेता भी ओबामा के नक्‍शेकदम पर चलते नजर आएंगे। बहुत जल्‍द कोई नेता आपको किसी चैनल पर मख्‍खी मारता हुआ नजर आ सकता है। यूं भी इस बार के आम चुनावों में काफी नेतागण बेकार हो चुके हैं। इस कहानी पर स्क्रिप्‍ट राइटिंग शूरू हो चुकी होगी। अब तो इस बात की होड़ मची होगी कि इसमें बाजी कौन मार पाता है। इस खबर को देख कर हमारे पडो़सी वर्मा जी जो अभी-अभी एक चैनल की सेवा से मुक्‍त कर दिए गए हैं। मेरे पास चले बोले इस मंदी में हम भी तो यही कर रहे हैं, हमारी खबर क्‍यों नहीं बनती। अब हम उन्‍हें क्‍या बताएं कि उनकी खबर क्‍यों नहीं बनती। हम तो बस यही गाना गुनगुना रहे हैं कि अपना तो खून पानी जीना मरना बेमानी खबरे तो आप बनाइए जनाबे आली।

4 comments:

  1. विदेशी खासकर अमरीकी मुहर लगते ही अपने यहाँ गयी गुजरी चीज भी पोपुलर हो जाती है। हमारा विदेश प्रेम वर्णनातीत है।

    सादर
    श्यामल सुमन
    09955373288
    www.manoramsuman.blogspot.com
    shyamalsuman@gmail.com

    ReplyDelete
  2. अब बेचारो का काम मख्खी मारने का ही तो रह गया है।

    आभार।

    हे प्रभु यह तेरापन्थ

    मुम्बई टाईगर

    ReplyDelete
  3. ओबामा ने तो फिर भी मख्खी मार दी लेकिन यहां तो मख्खी भी नहीं.....;))

    ReplyDelete
  4. वाह मज़ा आ गया ....क्या लिखती हैं आप ....मजेदार.....मजेदार
    आपका लेख पढ़ कर मज़ा आ जाता है

    मेरी कलम - मेरी अभिव्यक्ति

    ReplyDelete